रस धातु वाक्य
उच्चारण: [ res dhaatu ]
उदाहरण वाक्य
- रस धातु में स्थित ' पित्तोष्मा ' को रसाग्नि कहा गया है ।।
- व्युत्पत्ति की दृष्टि से रस् शब्द रस धातु से निर्मित है, जिसका अर्थ है स्वाद लेना।
- रसाग्नि या ' रसगत पाचनांश और ऊष्मा ' का क्रियाक्षेत्र देहपोषक रस या रस धातु है ।।
- रसाग्नि शब्द से अभिहित पूर्वोक्त पाचन द्रव्य रस धातु पर विविध अग्निकर्म या रासायनिक क्रियाए करते हैं ।।
- रस धातु के सूक्ष्म भाग पर रक्त धात्वाग्नि की क्रिया के परिणाम स्वरूप ही रक्त का निर्माण होता है ।।
- जिस प्रकार शरीर में समस्त धातुओं का मूल-रस धातु है, उसी प्रकार शरीर का मूल रक्त धातु है ।।
- फ़िर आपको पता चला कि दुग्ध में तो-लोहा कैल्शियम प्रोटीन वसा आदि तमाम रस धातु मिली हुयी हैं ।
- आम दो प्रकार के होते हैं-१-अपक्व अन्न रस २-धात्वाग्नियों की दुर्बलता से अपक्व रस धातु ।।
- रस धातु का निर्माण मुख्य रूप से उस आहार रस के द्वारा होता है, जो जठाराग्नि के द्वारा परिपक्व हुए आहार का परिणाम होता है ।।
- इस पाचनक्रिया में आहार का जो सार भाग होता है उससे रस धातु का पोषण होता है और जो किट्ट भाग बचता है उससे मल (विष्ठा) और मूत्र बनता है।
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